सुप्रीम कोर्ट का अयोध्या मामले में ऐतिहासिक व सैद्धांतिक फैसले के लिए दिल से धन्यवाद........
जय श्री राम
आज राम मंदिर पर फैसला आ गया व जिस तरह आदरणीय सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्तिओ से न्यायिक, सैद्धांतिक व ऐतिहासिक फैसले के उम्मीद थी जो कि बिल्कुल पूरा हुआ।
इस फैसले के लिए व्यक्तिगत रूप से हम हमारे CJI Ranjan Gogoi
को धन्यवाद देते है।हम आपके कार्यप्रणलियों व तरीको से हमेशा अभिभूत व गौरवान्वित महसूस करते हैं।
आप वास्तविक न्यायमूर्ति और हमारे प्रेरणास्रोत है।
धन्यवाद
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Jai Mata Di
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को आयोध्या जमीन विवाद मामले इस बात को माना कि ढांचा गिराना कानून व्यवस्था का उल्लंघन था। कोर्ट ने कहा कि आस्था और विश्वास के आधार पर मालिकाना हक नहीं दिया जा सकता। अपना फैसला पढ़ते हुए अदालत ने कहा कि बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी। अदालत ने माना कि वहां पहले मंदिर था। एएसआई की रिपोर्ट को वैध माना और कहा कि खुदाई में जो मिला वह इस्लामिक ढांचा नहीं था।
1- फैसला पढ़ते हुए शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने शिया वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज कर दी है। अदालत की पीठ ने यह फैसला सर्वसम्मति से लिया। शिया बोर्ड ने मामले में याचिका दायर कर कहा था कि विवादित स्थल उसे सौंपा जाना चाहिए क्योंकि मस्जिद बनाने वाला शिया था। लेकिन कोर्ट ने इस याचिका को सर्वसम्मति से खारिज कर दिया।
2-अयोध्या मामले पर शनिवार को फैसला सुना रहे सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की पीठ के अध्यक्ष प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई ने कहा कि मामले का फैसला पीठ के सभी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से लिया जाएगा। सीजेआई ने कहा कि फैसला पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि लोगों के विश्वास को बनाए रखने के लिए संतुलन बनाए रखने की जरूरत है।
3- सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर अपने फैसले में शनिवार को मुसलमानों को मस्जिद के लिए दूसरी जमीन देने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद में शनिवार को अपने फैसले में कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए वैकल्पिक जमीन आवंटित की जाए।
4- सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को आयोध्या जमीन विवाद मामले में राम जन्मभूमि न्यास को विवादीत जमीन देते हुए कहा कि राम मंदिर निमार्ण के लिए केंद्र सरकार ट्रस्ट बनाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीन महीने में सरकार योजना बनाए। अदालत ने मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ वैकल्पिक जगह देने का आदेश दिया है।
5-सर्वोच्च न्यायालय ने शनिवार को अयोध्या विवाद पर अपने फैसले में कहा कि सरकार तीन महीने के भीतर ट्रस्ट बनाएगा और ट्रस्ट मंदिर का निमार्ण करेगा।
6- सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि अयोध्या में बुनियादी ढांचा इस्लामी नहीं था।
7- सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर शनिवार को अपने फैसले में कहा कि केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार मंदिर, मस्जिद निर्माण की निगरानी करेंगे।
8-सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि रामलला न्यायिक संपत्ति है ना कि राम जन्मभूमि। कोर्ट ने कहा कि हिंदुओं की इस बात का स्पष्ट सबूत है कि हिंदू मान्यता के अनुसार राम का जन्म विवादित स्थान पर हुआ था
9-सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा को जमीन देने का इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला गलत था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2010 में विवादित भूमि पर फैसला सुनाया था।
10- सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि इस बात के सबूत हैं कि अंग्रेजों के आने से पहले हिंदू राम चबूतरा, सीता रसोई की पूजा करते थे।
कौन हैं जस्टिस रंजन गोगोई, जिनके कार्यकाल में आया विवादित जमीन का ऐतिहासिक फैसला
देश के बहुचर्चित और सबसे पुराने आयोध्या भूमि विवाद मामले को लेकर वर्तमान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इस फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस रंजन गोगोई के कार्यकाल को आने वाली पीढ़ियां इतिहास के रूप में याद करेंगी। आपको बता रहे हैं कौन हैं जस्टिस रंजन गोगोई, कैसे बने सीजेआई और उनके कार्यकाल में कौन से बड़े फैसले लिए गए।
जस्टिस रंजन गोगोई का जन्म 18 नवंबर, 1954 को असम में हुआ था। असम के पूर्व मुख्यमंत्री केशव चंद्र गोगोई के बेटे रंजन गोगोई देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बनने वाले पूर्वोत्तर के पहले व्यक्ति हैं।
उन्होंने 1978 में बार काउंसिल ज्वाइन की थी। इसके बाद साल 2001 में बतौर जज जस्टिस गोगोई ने अपने करियर की शुरुआत गुवाहाटी हाईकोर्ट से की थी। 2010 में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में जज बने। फिर 23 अप्रैल 2012 को सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए।
इसके बाद अक्तूबर 2018 में जस्टिस दीपक मिश्रा के बाद जस्टिस गोगोई ने देश के 46वें सीजेआई के रूप में सुप्रीम कोर्ट की कमान संभाली। सीजेआई गोगोई सुप्रीम कोर्ट के उन 11 जजों में से एक हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक की है।
अन्य बहुचर्चित फैसले
जस्टिस गोगोई के सीजेआई कार्यकाल के दौरान देश के कई बहुचर्चित मामलों पर बड़े फैसले लिए गए। यहां पढ़ें किन फैसलों की वजह से याद किए जाएंगे जस्टिस गोगोई और उनका कार्यकाल।
सबरीमला मंदिर: बीते छह फरवरी को जस्टिस गोगोई के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने केरल के सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर दायर किए गए 45 रिव्यू पेटिशनों (पुनर्विचार याचिका) पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रखा था। इस बेंच में सीजेआई गोगोई के अलावा जस्टिस आर एफ नरिमन, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डी वाइ चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा भी शामिल थे।
राफेल घोटाला मामला: इसी साल मई में सीजेआई गोगोई की अगुवाई में जजों की एक अन्य पीठ ने राफेल घोटाला मामले में रिव्यू पेटिशनों पर सुनवाई की थी। राफेल लड़ाकू विमानों की डील की आपराधिक जांच की मांग करने वाली याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। यह याचिका अदालत के दिसंबर 2018 के फैसले के खिलाफ दायर की गई थी।
इसके बाद आरटीआई अधिनियम के तहत सर्वोच्च न्यायालय और सीजेआई के अधिकारियों को सार्वजनिक अथॉरिटी मानने के मामले ने खूब तूल पकड़ा था। एक दशक से भी अधिक समय से लंबित इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति रवींद्र भट ने फैसला सुनाया था कि सीजेआई का कार्यालय आरटीआई जांच के लिए खुला रहेगा।जस्टिस भट अब सुप्रीम कोर्ट के जज हैं। सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने 2010 में उनके इस फैसले के खिलाफ अपील की थी और सीजेआई गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अप्रैल 2019 में इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
असम एनआरसी : इनके अलावा असम एनआरसी को लेकर भी जस्टिस गोगोई की ओर से कई सख्त कदम उठाए गए हैं। हालांकि आयोध्या विवाद पर आया फैसला सबसे बड़ा मुद्दा है जिसके कारण जस्टिस गोगोई के कार्यकाल को याद किया जाएगा।
जस्टिस गोगोई 17 नवंबर को सीजेआई पद से रिटायर हो रहे हैं। इससे पहले वर्षों से लंबित आयोध्या की विवादित जमीन के मामले की लगातार 40 दिनों तक फास्ट ट्रैक सुनवाई करने के बाद शनिवार, 9 नवंबर को अपना फैसला सुनाया।